अधिगम स्थानांतरण क्या है? |
अधिगम स्थानान्तरण
एक परिस्थिति में सीखा हुआ कार्य अन्य परिस्थियों को सीखने में सहायक हो अधिगम स्थानांतरण कहते है ।
क्रो एण्ड क्रो : - अधिगम के एक क्षेत्र में प्राप्त ज्ञान या कुशलता का तथा सोचने,अनुभव करने या कार्य करनी की आदतों का दूसरी परिस्थिति में प्रयोग किया जाता है इसे अधिगम स्थानांतरण कहते है ।
सोरेन्सन के अनुसार :– अधिगम के स्थानांतरण से तात्पर्य है कि ज्ञान,प्रशिक्षण एवं आदतों का किसी अन्य परिस्थिति मे उपयोग से है।
हिलगार्ड एवं एटकिंसन के अनुसार : - एक क्रिया के सिखने का है इसे प्रभाव जब अधिगम दुसरी क्रिया पर पड़ता है इसे अधिगम स्थानान्तरण कहते है ।
अधिगम स्थानांतरण मुख्य रूप से तीन प्रकार का है:
( 1 ) सकारात्मक अधिगम स्थानान्तरण :
जब एक विषय में सिखा गया ज्ञान किसी दुसरे विषय को सिखने में सहायक होता है तो इसे सकारात्मक अधिगम स्थानांतरण कहते हैं।
जैसे : टेनिस खेलने वाला बेटी बैडमिंटन खेलना आसानी से सीख सकता है।
( 2 ) नकारात्मक अधिगम स्थानान्तरण :
जब एक गुस्से में सिखा वह जान दूसरी विषय को सीखने में बाधा या कठिनाई उत्पन्न करता है उसे नकारात्मक अधिगम स्थानांतरण कहते है ।
जैसे : अंग्रेजी किबोर्ड पर टोइपिंग सिखने के बाद हिन्दी टॉइपिंग सिखने में बांधा उत्पन्न होती है ।
( 3 ) शून्य अधिगम स्थानांतरण :
जब एक कार्य का प्रशिक्षण दुसरे कार्य को सिखने में न सहायक हो और न ही बांधा उत्पन्न करे तो इसे शून्य अधिगम स्थानान्तरण कहते हैं ।
जैसे - भौतिक विज्ञान का ज्ञान संस्कृत को सिखने में न ही सिखने में सहायक न बाधक है ।
FQA:
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