Motivational story आइस्टिन और उसका ड्राइवर:

आइस्टिन का ड्राइव उनके साथ बड़ी बड़ी भाषण सभाओं में जाता था । वह ध्यान लगा के उनके भाषण सुनता था, भाषण को समझता था, उनको याद कर लेता था । एक दिन उसने आइस्टिन को बोला की सर मैने आपके सारे भाषण याद कर लिए है । मैं आपके जैसे हुबहू भाषण दे सकता हूं । 



अगले ही दिन आइस्टिन की बहुत की बड़ी मीटिंग होने वाली थी । तब उन्होंने ड्राइवर को बुलाया और बोला – कल मेरा एक बहुत बड़ा मीटिंग है । तुम मेरे जैसा भाषण दे सकते हो । जो कल सुबह मीटिंग होने वाली है उसमे तुम्हे मेरी तरह भाषण देना है ।

ड्राइव ने बोला नहीं सर में आपके जैसे भाषण दे सकता हू पर आपका स्थान नहीं ले सकता हूं ।

तब आइस्टिन महोदय बोले की तुम्हे सभा में भाषण देना है । मैं वहा बैठ कर तुम्हारा भाषण सुनुगा ।

तब ड्राइवर ने हिचकिचाते हुए हां कर दिया । अगले ही दिन ड्राइवर कोट पैंट पहने के टाई वगेरा लगा के आइस्टिन के जैसे तैयार हो गया और आइस्टिन भी ड्राइवर की ड्रेस में तैयार हो गए । थोड़ी देर बाद वे वहा पहुंचे सभी ने उस ड्राइवर का स्वागत किया ।



 ड्राइवर ने भाषण दिया,सभी ने ध्यान से भाषण सुना । पूरी सभा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज रही थी । भाषण खत्म हुआ । ड्राइवर अपने अपने अनुयायियों के साथ गाड़ी बैठने आया ।




 तभी एक व्यक्ति ने ड्राइवर से सवाल किया महोदय "आपने जो पांच बिंदु बताए थे क्या आप एक बार मुझे तीसरा बिंदू दुबारा से बता सकते हैं? – मुझे वह ठीक तरह से समझ में नहीं आया"

आइस्टिन ने देखा कि ड्राइवर खतरे है । सभी लोगों को पता चल जाएगा कि यह आइस्टिन नहीं है ।

लेकिन जो ड्राइवर ने जवाब दिया वह सुनकर आइस्टिन भी आश्चर्यचकित रह गए......

ड्राइवर ने जवाब दिया – "क्या यह इतनी सी साधारण बात आपके समझ में नहीं आई ? इसका जवाब तो मेरा ड्राइवर भी दे देगा ।

आप यह सवाल मेरे ड्राइवर से पूछिए वह आपको समझा देगा ।

कहानी का सार :

इस कहानी से सबसे बड़ा संदेश हमें यह मिलता है कि दूसरों की संगत का हमारे ऊपर बहुत प्रभाव पड़ता है ।

यदि हम अच्छे लोगों की संगत में रहेंगे तो हम अच्छे ही सदगुण को प्राप्त करेंगे ।

आपने कहावत तो सुनी होगी कि खरबूजे को देख कर खरबूजा भी रंग बदलता है तो हम दूसरे के द्वारा किए के कार्यों को देखकर उसके कार्यों का अनुसरण करने की सोचते हैं । ऐसे धीरे-धीरे हम उसकी संगत में आज जाते हैं ।

यदि हम बुद्धिमान,ज्ञानी लोगों के साथ रहेंगे तो हमारा व्यवहार भी उनके जैसा होगा जाएगा ।

यदि हम मूर्ख लोगों के साथ रहेंगे तो हमारा मानसिक और बुद्धि का स्तर उनके जैसा हो जाएगा।

Post a Comment

Previous Post Next Post